बस चाय तक ! सीझन-2 , भाग-12, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-24
बस चाय तक ! सीझन-2 , भाग-12, नॉन स्टॉप राइटिंग
चेलेन्ज 2022 भाग-24
सकारात्मक सोच....
हेल्लो दोस्तो,
फिर एक बार चाय के टेबल पर आप सब का स्वागत
है....आज कुछ अलग बाते करते है। बह्तु कुछ कहा गया है की सकारात्मक सोच होनी
चाहिये। लेकिन जब वक्त बुरा चल रहा हो तब कोइ सकारात्मक विचार कैसे करे? आसपास का
वातावरण ही इतना भयानक हो, कही राह नही मिल रही हो, चारो ओर अन्धकार दिखाइ दे रहा
हो..तब क्या कीया जाये?
इसिलीये आज एक कहानी सुनाता हु।
एक जंगल मे गर्भवती हीरन चली जा रही थी। प्रसुती
की पीडा शुरु हो चुकी थी और मादा हीरन एक सुरक्षित जगह ढुंढ रही थी की जहा पर वो
बच्चे को जन्म दे सके और उस जगह पर वो अपने बच्चे की सुरक्षा कर पाये। आसपास देखा
तो एक घास का मैदान दीखा और मादा हीरन ने सोचा की वही बच्चे को जन्म दीया
जाये...क्युकी वही पास मे एक नदी बह रही थी।
बडी मुश्किल से मादा हीरन धीरे धीरे उस तरफ चल
पडी। तभी कुछ यु हुवा की अचानक उस विस्तार मे आकाश मे काले बादल छा गये और बीजली
कडकने लगी और अचानक बीजली गीरी तो जंगल की चारो ओर आग फैल गइ। सहमी हुइ मादा हीरन
ने चारो ओर देखा। जैसे ही अपनी नजर दाइ और दौडाइ तो एक शिकारी राइफल लेकर उस के
सामने आ रहा था। मादा हीरन तुरंत गभराकर बाइ ओर मुडी तो देखा सामने से एक भुखा शेर
आ रहा था। हीरन दाये बाये छोडकर सीदी मैदान की दिशा मे भागने गइ तो वहा बारीश की
तेज धार से बाढ की स्थिति होने लगी थी।
अब आप सोचो की मादा हीरन का क्या हुवा होगा? दाइ
और शिकारी और हाथ मे राइफल, बाइ और भुखा शेर और सीधा भागो तो नदी की भयंकर बाढ और
पीछे जंगल की आग और उपर से प्रसुति की आखरी क्षण। क्या मादा हीरन अपने बच्चे को
जन्म दे पायेगी? अगर जन्म हुवा तो वो खुद और अपना बच्चा बच पायेगा? क्या शिकारी उस
का शिकार कर लेगा, क्या शेर उसे मार खायेगा, क्या बाढ मे वो बह जायेगी या पीछे की
आग मे जल जायेगी?
यही स्थिति जब हमारे सामने आती है तब क्या माहोल
होता है? एक तरफ से रिश्तेदार मुह फेर लेते है, दुसरी और नौकरी या बीजनेस के हालात
बदतर हो जाते है। कभी कभी शरीर साथ नही दे पाता तो कभी हम उपरवाले पर गुस्सा निकाल
लेते है।
अब सुनो उस जंगल की अधुरी कहानी....ये कहानी
केवल कहानी नही है। यह घटना स्टोकैस्टिक प्रोबेबीलीटी (प्रसंभाव्य संभावना) का सब से बेहतर
उदाहरण है। वो मादा हीरन कुछ नही करती है। न दाइ ओर और् न बाइ ओर जाती है और न वो
सीधा या पीछे मुडकर देखती है। वो केवल अपने बच्चे को जन्म देने पर ध्यान केन्द्रित
कर लेती है। उसी पल कुदरत का अजुबा होता है।
आकाश से बीजली उस शिकारी पर गीरती है और शिकारी
अंधा हो जाता है। अचानक पडी बीजली से शिकारी अपना निशान चुक जाता हौ और राइफल से
नीकली गोली सीधी मादा हीरन के पास से गुजरती हुइ शेर के शरीर पर लगती है और वो उसी
पल मर जाता है। जो बारीश अब तक नदी पर थी वो अचानक बढती हुइ जंगल पर गीरने लगती है
और जंगल मे लगी आग को बुजा लेती है। और उसी पल मादा हीरन एक सुंदर बच्चे को जन्म
देती है।
हमारे जीवन मे भी कइ बार ऐसे पल आते है की सभी
दिशाओ से नकारात्मक विचार आने लगते है और हम फस जाते है। उन विचारो मे से कइ विचार
इतने शक्तिशाली होते है की हमे शुन्य बना जाते है। लेकिन अगर वो पल बीता दो तो आगे
सुनहरा पल तैयार ही बैठा होता है। और दुसरे ही पल परिस्थिति अचानक बदल जाती है।
इसिलिये केवल और केवल सकारात्मक सोच ही हमारे हाथ मे होती है।
दुसरा कुछ भी हासिल करने की तमन्ना जरुर रखनी
चाहिये और उस के लिये कठोर परिश्रम भी करना चाहिये। लेकिन उस के मीठे फल का
इंतेजार करना ही उतना ही कठोर परिश्रम होता है।
माता सीता जब श्री राम के साथ थी तो उसे सोने का
हीरन पाने की इच्छा थी और जब वो सोने की लंका मे थी तब श्री राम साथ मे नही थे।
मतलब आप की इच्छा कब कैसी परिस्थिति मे आप को ले जायेगी उस पर भी विचार करना
चाहिये और जिस परिस्थिति मे हम हो वही स्वीकार कर ले और आगे की सोचे।
दोस्तो आज कल बहुत कम वक़्त मिल रहा है लिखने का
और इसिलिये आज केवल इतना ही। आप सब लोग चाय ले और एक सकारात्मक सोच के साथ विदा
ले....ब..बाय.....दोस्तो।
# नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022
भाग-24
Khushbu
05-Oct-2022 02:56 PM
👏👌🙏🏻
Reply
PHOENIX
06-Oct-2022 12:52 PM
Thanks
Reply
Reena yadav
25-Sep-2022 11:51 PM
👍👍
Reply
PHOENIX
25-Sep-2022 11:59 PM
Thanks
Reply
Gunjan Kamal
25-Sep-2022 02:55 PM
शानदार भाग
Reply
PHOENIX
25-Sep-2022 06:19 PM
Thank you
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